जाने गुरुवार की पूजा की विधि

गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए । इस दिन गोबर मिट्टी को स्पर्श नहीं करना चाहिए और गुरुवार के दिन शैंपू और साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए और कपड़े भी नही धोना चाहिए । इस दिन भोजन पीले रंग का ही करे और भोजन एक ही समय करे।


उपयोगी सामग्री:चने की दाल, गुड़, घी, रुई बाती, आसन के लिए पीला कपड़ा,पीला फूल,हल्दी,पीला चंदन, मुनक्का,केले का पेड़, विष्णु भगवान की फोटो,दीपक,धूपबत्ती, नारियल, व्रत कथा की किताब

विधि: सुबह उठकर स्नान करना चाहिए इसके बाद पूजा की सामग्री एकत्रित करके पूजा के लिए बैठे क्योंकि एक बार पूजा शुरू हो गई तो पूजा के बीच में ना तो उठते हैं और न ही बोलते है
सबसे पहले एक पाट रखे और उसमे पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विष्णु भगवान की फोटो को स्थापित करे इसके बाद चौक बनाकर कलश स्थापित करे गुरुवार के व्रत मे गोबर निषेध हैं इसलिए हल्दी का गौर बनाए या तो गणेश जी की मूर्ति स्थापित करे
इसके बाद केले के पेड़ को स्नान करवा कर पीला चंदन लगाएं और पीला फूल चढ़ाए तथा घी का दीपक जलाकर पेड़ के पास रखे और चने की दाल वा मुनक्का केले के पेड़ मे चढ़ाए
फिर कलश की पूजा करे वा स्थापित विष्णु भगवान की पूजा करे वा पीला फूल और चंदन लगाएं फिर घी का दीपक जलाएं तथा फिर कथा पढ़े या सुने
कथा सुनने के बाद आरती करे वा हवन करे और फिर प्रसाद सभी सुनने वाले लोगो में बाट दे
और पूजा का विसर्जन करके उठे।

नोट: हर परिवार की पूजा की अलग अलग रीति रिवाज होते हैं इसलिए करने से पहले अपने बुजुर्गों की सलाह अवश्य लें।

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