जाने श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) का विशेष महत्व क्या हैं? क्या करने से पितरों को मिलती है शांति

पितृ पक्ष का हिन्दू धर्म में खास महत्व होता है।और सभी लोग पितृ पक्ष को बड़ी आस्था और श्रद्धा से मनाते है।  पितृ पक्ष की अवधि 16 दिनों की होती हैं।
इस दिनों कुछ ख़ास नियमों का पालन करना होता हैं जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं।  ऐसी मान्यता है कि इन दिनों पूर्वज नीचे धरती पर निवास करते हैं।पितृ पक्ष मानने का मतलब है पूर्वजों को याद करना। पितरों को याद करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
आइए जानते हैं उन नियमों को जिनका पालन पितृ पक्ष में करना चाहिए
1. पितृ पक्ष में  पूर्वजों का पिंडदान करना चाहिए।
2. उनके स्वर्गवास की तिथि के हिसाब से श्राद्ध और तर्पण किया जाता हैं।
3. पितृ पक्ष काली तिल और जौ खरीदना चाहिए।
4. इन दिनों दान पुण्य करे तथा ब्राम्हण भोजन जरूर करवाएं।
पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए –
पितृ पक्ष में शुभ काम नही किया जाता हैं क्योंकि इन दिनों को शोक के दिन भी कहा जाता हैं। इन दिनों कोई भी नई चीज घर में नही लाया जाता हैं।
श्राद्ध के दिन वा तिथी –
1.दिनांक 17-09-2024 मंगलवार को हैं ये सभी शुभ कार्य सुबह 11:44 बजे के पहले संपन्न कर लेना होगा ।क्योंकि इसके बाद पूर्णिमा श्राद्ध होगा और श्राद्ध शुरू हो जायेगा।
2.प्रतिपदा श्राद्ध दिनांक 18-09-2024 बुधवार को होगा क्योंकि पूर्णिमा सुबह 8 बजकर 03 पर समाप्त हो जायेगा और प्रतिपदा तिथि लग जायेगी।
3.द्वितीया श्राद्ध दिनांक 19-09-2024 गुरुवार को हैं
4.तृतीया श्राद्ध दिनांक 20-09-2024शुक्रवार को हैं।
5.चतुर्थी श्राद्ध दिनांक 21-09-2024 शनिवार को हैं
6.पंचमी श्राद्ध दिनांक 22-09-2024 रविवार को हैं
7.षष्ठी श्राद्ध दिनांक 23-09204 सोमवार को है।
8.सप्तमी श्राद्ध दिनांक 24-09-2024 मंगलवार को हैं।
9.अष्टमी श्राद्ध दिनांक 25-09-2024 बुधवार को हैं
10.नवमी श्राद्ध दिनांक 26-09-2024 गुरुवार को हैं
11.दशमी श्राद्ध दिनांक 27-09-2024 शुक्रवार को हैं
12.एकादशी श्राद्ध दिनांक 28-09-2024 शनिवार को हैं।इसी दिन एकादशी व्रत होगा
13.द्वादशी श्राद्ध दिनांक 29-09-2024 रविवार को हैं।
14.त्रयोदशी श्राद्ध दिनांक 30-09-2024 सोमवार को है।
15.चतुर्दशी श्राद्ध दिनांक 1-10-2024 मंगल आ वार को हैं।
*सर्व पितृ अमावस्या पितृ विसर्जन दिनांक 2-10-2024 बुधवार को हैं।

नोट: श्राद्ध वा तर्पण अपने कुलरीति के हिसाब से ही करे।

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