दीवाली हिंदुओं का बहुत खास त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं। इस दिन लक्ष्मी जी और पीपी जी का पूजन होता है। दिवाली की तैयारी में कई अलग-अलग पहलू शामिल होते हैं, जिनमें सफाई, सजावट, खरीदारी, पकवान, और पूजा शामिल हैं। यहाँ एक सामान्य रूपरेखा दी गई है:
1. सफाई:
1. दिवाली से पहले घर की पूरी सफाई करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसे घर से नकारात्मकता और अशुद्धियों को दूर करने का प्रतीक माना जाता है।
2.घर के हर कोने को साफ किया जाता है, और पुरानी या अनुपयोगी चीजों को हटा दिया जाता है।
2. सजावट:
1.घर को सजाने के लिए रंग-बिरंगे दीयों और मोमबत्तियों का उपयोग किया जाता है।
2.रंगोली बनाना भी दिवाली के रिवाज का हिस्सा है। इसके लिए रंग, फूल और चावल का उपयोग किया जा सकता है।
3.फूलों की मालाओं और तोरण से दरवाजों और खिड़कियों को सजाया जाता है।
4.पूरे घर में मिट्टी के दीपक वा मोमबत्ती जलाया जाता हैं।
3. खरीदारी:
1.नए कपड़े, उपहार, और घर के लिए सजावट की चीजें खरीदी जाती है
4. पकवान:
1.मिठाइयाँ और नमकीन पकवान जैसे लड्डू, बर्फी, गुलाब जामुन, चकली, नमकपारे आदि बनाए जाते है।
5. पूजा और धार्मिक अनुष्ठान:
1.दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। इसे धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए किया जाता है।
2.दीवाली के दिन घर के मुख्य दरवाजे के पास एक साफ स्थान पर पूजा की जाती है।
3.लक्ष्मी पूजन के बाद पटाखे जलाए जाते हैं और आतिशबाजी होती है।
6. परिवार और दोस्तों के साथ मिलना:
दिवाली का त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ बांटते हैं और बधाई देते हैं।
नोट: यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए हैं।