प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ जी को समर्पित है। यह व्रत भगवान भोलेनाथ जी की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता हैं। इस व्रत से भगवान भोलेनाथ जी प्रसन्न होते है और मनोकामना पूरी करते हैं।
यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता हैं।
कब किया जाता हैं प्रदोष व्रत: प्रदोष व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष व कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता हैं।
क्यों किया जाता हैं प्रदोष व्रत: यह व्रत करने से भगवान भोलेनाथ जी की कृपा भक्तों पर बनी रहती हैं। भगवान भोलेनाथ जी व्रत रखने वाले से प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं व शिव धाम की प्राप्ति होती हैं।
यह व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती हैं व संतान की सुख समृद्धि के लिए भी यह व्रत लाभदायक है।
परिवार जनों पर भोलेनाथ जी का आशीर्वाद बना रहता हैं।
व्रत में क्या न करें:-
व्रत करने वाले लोगों को इस दिन तामसिक तरीके से नहीं रहना चाहिए।
अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए ।Pradosh vrat
नोट: यह जानकारी सामान्य लोक रीतियों पर आधारित हैं।