रामनवमी: सत्य, धर्म और भक्ति का संगम” जाने 2025 में कब है  रामनवमी

रामनवमी: साल 2025 में यह त्योहार 6 अप्रैल,दिन रविवार को मनाया जाएगा।

रामनवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।त्रेतायुग में इसी दिन भगवान राम ने धरती पर जन्म लिया था । भगवान राम विष्णु जी के ही अवतार हैं। यह पर्व चैत्र मास की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो सामान्यतः मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है। भगवान राम को विष्णु के अवतार के रूप में पूजा जाता है और उनकी जीवन गाथाओं का वर्णन विशेष रूप से रामायण में किया गया है।

रामनवमी की शुरुआत: रामनवमी की शुरुआत त्रेतायुग में भगवान राम के जन्म से शुरू हुई थी।श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। उनका जन्म धर्म की स्थापना और राक्षसों का वध करने के लिए हुआ था, जैसा कि श्रीराम का जीवन रामायण में बताया गया है।

रामनवमी का इतिहास रामायण से जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान श्रीराम के बचपन, उनके संघर्ष, सीता जी के साथ विवाह, रावण का वध और उनके आदर्शों का वर्णन है। रामनवमी का पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की जाती है, भक्त उपवास रखते हैं और रामायण का पाठ भी किया जाता है।

यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सत्य, धर्म और न्याय की विजय का प्रतीक है।

रामनवमी पर क्या करें?

इस दिन विशेष पूजा, हवन, कीर्तन और रामायण पाठ का आयोजन होता है। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और मंदिरों में जाकर भगवान राम की आराधना करते हैं। यह पर्व भारत और अन्य हिंदू समाजों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, और इसे धार्मिक श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

रामनवमी पर कहा घूमने जाए?

रामनवमी के अवसर पर आप धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर घूमने जा सकते हैं। भारत में कई ऐसे स्थल हैं, जहाँ रामनवमी के मौके पर विशेष आयोजन होते हैं। आइए जानते हैं कुछ जगहों के बारे में जो राम जी के लिए प्रसिद्ध है –

1. अयोध्या (उत्तर प्रदेश): भगवान श्रीराम का जन्म स्थल होने के कारण अयोध्या रामनवमी के दिन विशेष रूप से सजता है। यहाँ राम जन्मभूमि, कनक भवन, और रामकथा पार्क जैसे स्थानों पर भक्तों की भारी भीड़ होती है।

2. रामेश्वरम (तमिलनाडु): यह स्थान भी भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है, क्योंकि यहाँ पर श्रीराम ने समुद्र पार करने के लिए राम सेतु का निर्माण किया था। रामेश्वरम का मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

3. मथुरा और वृंदावन (उत्तर प्रदेश): मथुरा, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान है, लेकिन रामनवमी के समय यहाँ भी खास धार्मिक आयोजन होते हैं। वृंदावन में श्रीराम के भक्तों के लिए रामनवमी का पर्व मनाना एक महत्वपूर्ण अवसर है।

4. सीतामढ़ी (बिहार): यहाँ के सीताराम मंदिर में भी रामनवमी का विशेष आयोजन होता है, क्योंकि यह स्थल माता सीता से जुड़ा हुआ है, जो श्रीराम की पत्नी थीं।

5. चित्रकूट (उत्तर प्रदेश/मध्य प्रदेश सीमा): चित्रकूट वह स्थल है जहाँ भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय बिताया था। यहाँ के रामघाट पर रामनवमी के दिन खास पूजा होती है।https://learnblooms.com

इन स्थानों पर धार्मिक वातावरण और रामनवमी के विशेष आयोजन आपको एक अद्भुत अनुभव दे सकते हैं।

नोट : यह जानकारी सामान्य लोक रीतियों पर आधारित हैं