अम्बे तू है जगदम्बे काली: मां काली, मां दुर्गा आरती

दुर्गा आरती: मां दुर्गा को शुक्रवार का दिन समर्पित हैं नवरात्रि के नौ दिन मां के अलग अलग नौ रूपों के लिए समर्पित हैं। माता जी को लाल चुनरी, लाल फूल बहुत पसंद हैं नवरात्रि में माता की चौंकी, जगराता होते हैं।

दुर्गा आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली, 

जय दुर्गे खप्पर वाली ,

तेरे ही गुण गाए भारती,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती ।

अम्बे तू है……Learnblooms.com

माता तेरे भक्त जानो पर,

 भीड़ पड़ी है भारी,

दांव दल पर टूट पड़ों ,

मां करके सिंह सवारी।

सौ सौ सिन्हो से है बलशाली ,

अष्ट भुजाओं वाली,

दुखियों के दुख को निवारती,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती।।

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गाए भारती ,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती।।

नहीं मांगते धन और दौलत,

न चांदी न सोना,

हम तो मांगे मां तेरे मन का,

एक छोटा सा कोना।

सबकी बिगड़ी बनाने वाली,

लाज बचाने वाली,

सातियों  के सत को संवारती,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती।।

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गाए भारती,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती।।

मां बेटे का हैं इस जग में ,

बड़ा ही निर्मल नाता,

पूत कपूत सुनी है पर न,

माता सुनी कुमाता।

सब पर करुणा दर्शाने वाली,

अमृत बरसाने वाली,

नाइया भंवर से उतरती,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती।।

अम्बे तू है जगदम्बे काली ,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गाए भारती,

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती।।