विष्णु आरती: भगवान विष्णु जी की आरती

विष्णु आरती: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु जी को समर्पित है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णुजी के लिए व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं। कथा सुनने के बाद आरती गाते हैं। गुरुवार व्रत रखने व कथा सुनने और सुनाने वाले पर भगवान राजी प्रसन्न होते हैं।सभी इच्छाएं पूरी करते हैं और अन्न पुत्र व धन की प्राप्ति होती हैं। इस दिन निरमा, साबुन का उपयोग नहीं किया जाता हैं और न ही दाढ़ी व बाल कटवाएं जाते हैं।

 विष्णु आरती – जय बृहस्पति देवा, ॐ जय बृहस्पति देवा ।

छिन छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।

ॐ जय बृहस्पति देवा…

तुम  पुरण   परमात्मा, तुम  अंतर्यामी ।

जगत पिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी।।

ॐ जय बृहस्पति देवा..

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हार्ता।

सकल मनोरथ दायक कृपा करो भर्ता।।

ॐ जय बृहस्पति देवा..

तन, मन,धन अर्पण कर जो जन शरण पड़े।

प्रभु प्रकट तब होकर आकर द्वार खड़े।।

ॐ जय बृहस्पति देवा…

दीन दयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।

पाप दोष सब हार्ता, भव बंधन हारी।।

ॐ जय बृहस्पति देवा…

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारी।

विषय विकार मिटाओ संतन सुख कारी।।

ॐ जय बृहस्पति देवा..

जो कोई आरती तेरी,  प्रेम सहित गावे।

ज्येष्ठानंद आनंद सो निश्चय पावे।।

ॐ जय बृहस्पति देवा…Learnblooms.com