6 June 2024 ,Thursday
वट सावित्री व्रत 6 जून को है ।वट सावित्री का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन किया जाता है इस दिन सुहागिन महिलाये सोलह शृंगार करके वट वृक्ष(बरगद का पेड़ ) की पूजा करती है तथा वट वृक्ष मे 16 शृंगार की चीजे अर्पित करती है | इस व्रत मे एक ही समय भोजन किया जाता है |
वट सावित्री का व्रत क्यों की जाती है ?
वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाये अपने पति की लंबी आयु के लिए करती है | इस व्रत को करने से दाम्पत्य जीवन खुशहाल बना रहता है |वट सावित्री व्रत में, विवाहित महिलाएँ बरगद के पेड़ (जिसे वट वृक्ष भी कहा जाता है) की पूजा करती हैं और अपने पति की लम्बी आयु और भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं। इस त्योहार को सावित्री के नाम पर रखा गया है, जो एक पौराणिक चरित्र हैं, जिन्होंने अपने पति सत्यवान के प्रति अपनी भक्ति का प्रदर्शन किया। पौराणिक कहानी के अनुसार, सावित्री ने अपनी अदम्य संकल्प और भक्ति से अपने पति को मृत्यु के चपेट में से बचाया।
महिलाएँ इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करती हैं, और कुछ लोग रात भर जागते रहते हैं। वे बरगद के पेड़ के तन पर पवित्र धागों को बांधती हैं, प्रार्थना करती हैं, और अपने पति के लिए आशीर्वाद मांगती हैं। विवाहित महिलाएँ पारंपरिक पोशाक में वस्त्र धारण करती हैं और आभूषण पहनती हैं और सोलह शृंगार करती है|
वट सावित्री व्रत का महत्व विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति के प्रति भक्ति और प्रेम में प्रकट होता है।
वट सावित्री व्रत मे उपयोगी चीजे
कच्चा सूत ,चन्दन ,रोली ,अक्षत ,इत्र ,हल्दी ,सिंदूर ,बास का पंखा ,कपूर ,रुई बाती ,घी,दीपक ,हवन सामग्री ,नारियल ,16 शृंगार की चीजे , फल वा मिठाई |