चैत्र नवरात्रि2025:हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता हैं। नवरात्रि के 9 दिन माता रानी के 9 रूपों के लिए जाना जाता हैं।
साल 2025 में नवरात्रि की बैठकी 30 मार्च को है और नवरात्रि का आखिरी दिन 7 मार्च को है। नवरात्रि का आखिरी दिन रामनवमी के रूप में मनाया जाता हैं।
आईए जानते हैं नवरात्रि के 9 दिन में माता रानी के कौन कौन से 9 रूप है
चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो शक्ति, शांति और सौभाग्य का प्रतीक माने जाते हैं। इन नौ रूपों की पूजा का प्रत्येक दिन विशेष महत्व रखता है और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
माता रानी के 9 रूप-
माता रानी के 9 रूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है।
यहाँ माता रानी के 9 रूपों का विवरण है:
शैलपुत्री: यह रूप नवरात्रि के पहले दिन का हैं ।यह देवी दुर्गा का पहले दिन का रूप है। शैलपुत्री का अर्थ है ‘पर्वत की पुत्री’। इन्हें हिमालय की बेटी माना जाता है। ये भक्तों को शक्ति, संतुलन और साहस प्रदान करती हैं।
ब्रह्मचारिणी: इस रूप में देवी तप और साधना की प्रतीक हैं। ये ध्यान और संयम की देवी हैं। ब्रह्मचारिणी रूप में माता अपने भक्तों को भक्ति और तपस्या की प्रेरणा देती हैं।
चंद्रघंटा: देवी चंद्रघंटा का रूप उन भक्तों को शांति और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है, जो भय और शत्रुओं से परेशान होते हैं। यह रूप देवी के युद्ध और विजय के प्रतीक के रूप में भी प्रसिद्ध है।
कुष्मांडा: इस रूप में देवी अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। उनका दर्शन दूर से करने पर उनका रूप एक आभा की तरह प्रतीत होता है, जैसे सूरज की किरणों से वातावरण को रोशन करने वाली देवी।
स्कंदमाता: यह रूप देवी दुर्गा के मातृत्व का प्रतीक है। देवी स्कंदमाता अपने बेटे भगवान स्कंद (कार्तिकेय) के साथ बैठी होती हैं। यह रूप माताओं को संतुष्टि और आशीर्वाद प्रदान करता है।
कात्यायनी: इस रूप में देवी का रूप उग्र और वीरता से भरा हुआ होता है। देवी कात्यायनी अपने भक्तों को विजय, साहस और आशीर्वाद देती हैं। इनकी पूजा से जीवन में संकटों का निवारण होता है।
कालरात्रि: यह रूप देवी दुर्गा का सबसे भयावह रूप है। देवी कालरात्रि अपने शत्रुओं को नष्ट करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका रूप काले बादल की तरह होता है और वे भय को दूर करने वाली मानी जाती हैं।
महागौरी: इस रूप में देवी शांति, सौम्यता और अच्छाई की देवी मानी जाती हैं। महागौरी रूप में देवी का शरीर सफेद और अत्यधिक उज्जवल होता है, जो शुद्धता और साधना का प्रतीक है।
सिद्धिदात्री: देवी सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं। इस रूप में देवी अपने भक्तों को समृद्धि, सुख और सफलता का आशीर्वाद देती हैं। यह रूप अपने भक्तों को मानसिक और भौतिक सुख प्रदान करने वाला माना जाता है।
इन 9 रूपों के माध्यम से माता रानी अपने भक्तों को आशीर्वाद, शक्ति और सुरक्षा प्रदान करती हैं। नवदुर्गा की पूजा विशेष रूप से शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के दौरान की जाती है, जो भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है।